छोटी सी मेरी खुशी 

ऐ खुशी, फिर कहा छुप जाती है तू बार बार

ढूंढ़ते ढूंढ़ते तुझे फिर ये गम मुझे घेर लेता है

छोटी सी तू नादान तो है पर, अपने साथ मुझे भी

ले चल क्यूँकि गम साये से बढ़ता जाता है

 

मान जा कहना मेरा, अब कब तक खेलेगी खेल

आज फिर तुझे गले से लगाकर रोने को जी चाहता है

कितनी प्यारी है तू कितनी भोली सी मासूम

ऐ खुशी तेरे साथ तो वक़्त यू ही गुजर जाता है

 

चल अब तुझे मैं आज़ाद ही रहने देती हूँ

बलवान और धनी भी कैद तुझे न कर पाया है

ये साया चुनरी सा ओढ़ कर अब मैं बैठी हूँ

सन्नाटा और ख़ामोशी ही मेरा असल सरमाया है

 

अगर मेरी याद आये तो, अब तू ही मुझे ढूंढ लेना

घूँघट खोलेगी तू मेरा, तो मैं फिर से हँस दूँगी

बस भूल न जाना मुझे, मेरी जान है तुझमें

तू आएगी तो ज़िंदगी से फिर से मिल लूँगी

 

कर्ज़ तुझपे अब मेरी इन साँसों का है

जो बिन तेरे कुछ भारी सी लगती है

बड़ी होकर आना अब तू मेरी खुशी

तेरी मन्नतें मैंने उस रब से कर रखी है

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